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A Review Of bhairav kavach

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श्रद्धयाऽश्रद्धया वापि पठनात्कवचस्य तु । प्रयत्नतः पठेद्यस्तु तस्य सिद्धिः करेस्थितः ।। अनुष्टुप् छन्दः । श्रीबटुकभैरवो देवता । ॐ बटुकायेति कीलकं ममाभीष्टसिध्यर्थे जपे विनियोगः । पातु साकलको भ्रातॄन् श्रियं मे सततं गिरः साधक कुबेर के जीवन की तरह जीता है और हर जगह विजयी होता है। साधक चिंताओं, दुर्घटनाओं और https://www.youtube.com/watch?v=pMcH9t4uLqs

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