कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के॥ गले रुण्डमालं तनौ सर्पजालं महाकालकालं गणेशाधिपालम् । जय जय https://shiv-chalisa-lyrics-in-hi86622.wikicommunications.com/4682426/not_known_factual_statements_about_shiv_chalisa_lyrics_english