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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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मोहब्बत छोड़ देंगे या मोहब्बत ही करेंगे लोग। “मिरी ख़्वाहिश है कि आँगन में न दीवार उठे हफ़ीज़ जालंधरी टैग : दोस्त शेयर कीजिए मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तिरा ख़याल भी मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा https://youtu.be/Lug0ffByUck

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